मरकुस
लिख्यो सुब-समिचार
लिखवा वाळो:
मरकुस> \tc
लिखवा की वजा:
मसीह, यहोवा को सेवक> \tcl
लिखवा को बखत:
करीब ५०-६८ ईस्वी सन्
मरकुस ईसु का पेलांपेल का चेलाहुंण माय से नी थो। उ तो यरुसलेम निवासी (परेरितहुंण १२.१२), सिमोन पतरस को साती (१ पतरस ५.१३), अने बरनाबास का काका जायो भई थो (कुलुस्‍सिहुंण ४.१०), जो बखत आवा पे पोलुस अने यरुसलेम का परेरितहुंण का गेले काम करवा वाळो बणी ग्यो। परेरितहुंण का साते काठो नातो होवा की वजासे उ ईसु मसीह का जीवन, अने सुरु का मसीही लोगहुंण का कामहुंण का बारामें जाणकारी दे हे।
ईस्वी सन् ११२ की सुरुआत की मण्डळी का अगवा पपीयास ने मरकुस की लिखी पोथी के पतरस को अनुवादक बताड़्यो। परेरितहुंण १०.३६-४३ माय द्‍या परबचन को मिलाण मरकुस का सुब-समिचार से करवा पे परगट होय हे के पतरस को उ परबचन ईसु की जिनगी की एक रुप-रेखा हे जेके लई के मरकुस ने बड़ा रुप माय बखाण कर्‌यो हे। मरकुस ने अपणो यो सुब-समिचार खास करिके रोम नगर माय रेवा वाळा लोगहुंण सरु लिख्यो, अने ईसु के सेवक याने यहोवा का सेवक का रुप माय परगट कर्‌यो। फेर उने सुब-समिचार के याने इनी पोथी के, "परमेसर का बेटा ईसु मसीह को सुब-समिचार से सुरु कर्‌यो हे।" उने इनी सुब-समिचार की पोथी माय ईसु के एक सेवक जो हक से भर्‌यो हे उके काम करवा वाळा मनख का रुप माय परगट कर्‌यो हे। इका माय ईसु खुद के "परमेसर को बेटो" के हे। सुरु की मण्डळी को इतयास अने ईसु का जीवन को बखाण मरकुस ने रोम माय लिख्यो थो।
रुप-रेखा:-
या रुपरेखा ईसु का जीवन के उकी सेवकई माय करी गी जातराहुंण का रुप माय लिखी हे अने ईसु के एक सेवक याने परमेसर का सेवक का रुप माय, "काम माय लाग्यो रेणो" की वजासे कइंका बी मनख पे इको असर होय हे।
१.भूमिका १.१
२.सुरु की घटणाहुंण १.२-१३
३.गलील की पेली जातरा १.१४-४.३४ (अचरज का काम अने मिसाळहुंण)।
४.दिकापुलिस की जातरा ४.३५-५.४३
५.गलील की दूसरी जातरा ६.१-२९
६.ईसु एखला माय ६.३०-५२
७.गलील की तीसरी जातरा ६.५३-७.२३
८.धरउ देस की जातरा ७.२४-९.२९ दुःख-भोग का बारामें पेली कावा केणो ८.३१
९.गलील की चोथी जातरा ९.३०-५० दूसरी कावा दुःख-भोग का बारामें केणो ९.३१
१०.पीरिया अने गलील की जातरा १०.१-५२ तीसरी कावा दुःख-भोग का बारामें केणो १०.३३,३४
११.यरुसलेम माय सेवा ११.१-१३.३७
१२.दुःख-भोगणो अने मोत माय से जिन्‍दो होणो १४.१-१६.२०