योहन
लिख्यो सुब-समिचार
दूसरी सदी का सुरु सेज चली अइरी परमपराहुंण का मुजब चोथा सुब-समिचार को लिखवा वाळो जब्दी को बेटो, याकूब को भई योहन परेरितज मान्यो जाय हे। उ बारा चेलाहुंण माय से एक थो।
योहन तीन खास सबद्हुंण (याने सेलाणिहुंण, बिसास, अने जीवन) पे खास जोर देता होया (२०:३०,३१), इना सुब-समिचार के लिखवा को खास कारण दिखाड़े हे।
(क) सेलाणिहुंण: "सेलाणिहुंण" सबद् के परभु ईसु का अचरज का कामहुंण सरु काम माय लायो जाय हे। परभु ईसु को सरुप दिखाड़्वा सरु योहन ने परभु ईसु ने जो सात अचरज का कामहुंण के छांट्‌या। हरेक माय एक खास सन्‍देसो हे।
१. पाणी के दाखरस माय बदळणो - सरुप पे हक
२. राज-करमचारी का बेटा के नज करनों - दूरी पे हक
३. अड़तीस बरस का बेमार के नज करनों - बखत पे हक
४. पांच हज्जार के जिमाड़णो - मातरा पे हक
५. पाणी पे चलनो - परकती पे हक।
६. आंदा के आंखहुंण देणो - कमजोरी पे हक।
७. लाजर के जिवाड़्यो जाणो - मोत पे हक।
(ख) बिसास: पोथी माय "बिसास" सबद् करीब अठ्याणु कावा आयो हे इना सबद् के लोगहुंण कसे समजे इकासरु इके घड़ी-घड़ी काम माय ल्यो हे अने ईसु पे बिसास करवा वाळा उका चेलाहुंण बणी ग्या, पण बिसास नी करवा वाळा ईसु का दुसमन बणी ग्या। ईसु से मिळी के लोगहुंण बिचारवा पे मजबुर हुई जाता था।
(ग) जीवन: यो सबद् ईसु पे बिसास का फळ के बताड़े हे। जीवन पाणे को मतलब ईसु मसीह को हुई जाणो, याने नवा जनम से उका आतमिक परवार माय जनम लेणो हे। यो ईसवरीय सुभाव हे जो एक बिसास करवा वाळा के द्‍यो जाय हे। परभु ईसु ने नीकुदेमुस फरीसी से क्यो, "जदत्तक कईं को नवा सिरा से जनम नी लई ले, उ परमेसर को राज नी देखी सके।" (३:३) इना जीवन के अजर-अमर जीवन क्यो हे (३:१५) या आतमिक मोत की बिपरित दसा हे।
रुप-रेखा:-
१.परमेसर का बेटा के परगट करनों १:१-१८
२.परमेसर का बेटा की समाज माय सेवा १:१-१२:५०
३.परमेसर का बेटा की आतमिक सेवा १३:१-१७:२६
४.परमेसर का बेटा की दुःख भोगवा की आखरी सेवा १८:१-२०:३१
५.परमेसर का बेटा को आखरी संदेसो २१:१-२५