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एक सुखा हाथ हाळो मनख
(मत्ती 12.9–14; लूका 6.6–11)
`एक बार फेर ईसु यहूदीयां का आराम हाळो दन मं व्हांकी भेळा होबाळी सभा क घर मं ग्या।तो ऊंठी एक मनख छो जींको एक हाथ सुखर्यो छो। अर ऊंठी कोई परीसि मनख रह छा।व देख्बो छावा छा क ईसु ऊ मनख न आराम हाळो दन मं छोखा करगा या न्ह करगा।अगर ईसु ऊ मनख न छोखा करॅ तो व्हांनॅ ईसु प दोस लगाबा काण सोच मल्ली छी,क कस्यां ईसु आराम हाळो दन मं छोखो कर्यो छ । ईसु न सुखा हाथाळा मनख* dhujyiuu सुं खी,”तु सारा क बीचा मं ऊंबो होजा” फेर ईसु सारा मनख सुं बुझबा लाग्यो,यहुदीयां क निम मं उचित कांई छ? क आराम हाळो दन मं भला काम करबो उचित छ या बरा काम करबो? अर कोई को जीवन बचाबो बड़िया छ या जीवन नास करबो बड़ीया छ? ईसु की य्हा बात न सुण'र व्ह फरीसी मनख सारांई छाना-मुना रह'ग्या। फेर ईसु व्हांकी मन की खर्डाई देख'र घणो दुखी होयो।अर ईसु रोस मं होर च्यारुमेर देख'र सुखा हाथाळा मनख सुं खी,”थारा हाथ न आगॅ कर”।अर उनॅ हाथ आगॅ कर्यो अर ऊंको हाथ छोखो होग्यो। ईं काम न देख'र फरीसी मनख यहूदीयां की भेळा होबाळी सभा क घर न छोड'र बाहर जा'र हेरोद राजा की बात मानबाळा मनख्यां क लारां एक्टा हो'र सल्ल्हा कर'र जुगाड़ बणाबा लाग्या,क कसी तरॅ सुँ ईसु न मार गालां।
घणी सारी भीड़ ईसु क पाछ होगी
ईकॅ बाद मं ईसु अपणा चेला क लारां झील क आड़ी खड़ग्या अर गलील ईलाका का मनख्यां की एक बड़ी भीड़ ऊंक पाछ होगी अर यहूदिया ईलाका अर यरुसलेम सहर का अर इदुमिया ईलाका का अर यरदन नंदी क पार का ईलाका का अर सूर अर सैदा क आसपास ईलाका का मनख्यां की एक बड़ी भीड़ ईसु मसीह क गोड़यां आई क कस्यां व्ह सारा न ईसु का छोखा-बडा काम क बारा मं सुणल्या छा ईसु न ऊंका चेला सुं खी,भीड़ क कारण म्हारतांई एक छोटी सी नाव को जुगाड़ करो ताकी व्ह म्हनॅ दाब न्ह सकॅॅ। 10 क कस्यां ईसु न घणा सारा मनख छोखा कर्या छा।ई लेख जतना लोग बेमार पड़या छा,व सारां ईसु क अड़ बा काण दक्कम-धक्का कर्या छा। 11 अर जद ही ज्ये मनख्यां क भूत लागरिया छा व ईसु न देख'र ,ऊंक आगॅ गर पड़ॅ छा अर बार्हां-पाड़'र ख छा,”क तु परमेस्वर को बेटो छ “ 12 पण ईसु वांनॅ घणो दकाल'र हुकम देर ख छा,क तु म्हनॅ उजागर मत कर!।
ईसु को बाराह चेला चुण्बो
(मत्ती 10.1–4; लूका 6.12–16)
13 फेर ईसु एक सायरॅ का डूँगर प चढ़ग्या अर भीड़ मं सुँ जिनॅ व्ह छावा छा उनॅ अपणा चेला बणाबा क तांई गोड़यां बलाया,अर व भीड़ मं सुँ ऊंकॅ गोड़यां आया। 14 तो ईसु न बारह चेला चुणल्या, क कस्यां ऊंक लारां रह'बा काण अर परमेस्वर की छोखी खबर लोग-दणी क तांई बताबा खन्नाबा काण चुणल्या। व्हांका नाऊँ “खास चेला” राख्या। 15 अर वां काण भूतां न मनख्यां मं सुं बाहर खाढ़ बा काण अधिकार दिया । 16 व्ह बारह चेला का नाऊँ अस्यां छां,समोन जिंको नाऊँ पतरस राख्यो 17 जबदी का बेटा याकूब अर याकूब को भाई यूहन्ना जिको नाऊँ बूअनर्गिस राख्यो जिको मल्लब “गर्जन को बेटो” होव छ। 18 अर अन्दर्यास,फिलीप्पुस,बरतूल्मै,मत्ती,थोमा,हलफई को बेटो याकूब,तधै,अर समोन कनानी 19 अर यहुदा इस्कारियोती उ ऊई छ जिंनॅ ईसु धोखा सुं पकड़वाया छा।
ईसु अर बालजबुल
(मत्ती 12.22–32; लूका 11.14–23; 12.10)
20 ईंक बाद मं ईसु अर ऊंकॅ चेला एक घर मं ग्या।तो फेर ऊंठी घणी सारी भीड़ भेळी होगी।अर भीड़ क कारण ईसु अर ऊंक चेला न रोटी खाबा काण बी समय कोई न्ह छो। 21 जद ईसु का घराळा मनख्यां न या बात सुणी क ईसु ऊंठी आयो छ,तो व ईसु न पकड़'र घरां ले जाबा काण आया।क कस्यां लोग-दणी ईसु क बारा मं ख'रया छा ईको दिमाग छोखो कोई न्ह । 22 पण कोई यहुदियां का निम सखाबाळा मनख यरुसलेम सहर सुं आया छा,व खबा लाग्या, क गंदी सकॅ्तीयां का सरदार बालजबुल ऊंकॅ लागरियो छ ।अर ई लेखॅ ईसु गंदी सकॅ्तीयां का सरदार की सकॅ्ति सुं मनख्यां मं सुँ गंदी सकॅ्तीयां न खाढ़रीयो छ। 23 ये बात सुण'र ईसु, वांनॅ ऊंकॅ गोड़यां बलार एक ढास्टान सुं ख'बा लाग्यो क,”सेतान,सेतान न मनख मं सुँ कस्यां खाड़ सकॅ्क छ”। 24 अगर कोई राज पाट मं फूट पड़ज्या तो ऊ राज पाट कस्यां चाल सकॅॅगो। 25 अगर कोई घर का मनख्यां मं अपण- आप ही फूट पड़जावॅ तो ऊ घर घणा दना तांई न्ह रह'सकॅॅगो। 26 अस्यां, अगर सेतान,सेतान न खाढ़ देवॅ तो ऊंको राज्य खन्ड खन्ड को होजाऊगो अर ऊं भी खतम होजाऊगो।
27 सुणो! अगर ज्ये कोई तगड़ो मनख का घर - बारा न लूटबो छावॅ तो सब सुँ पहली उ तगड़ो मनख बाँधणो पड़ॅगो।जिंकॅ बाद मं ही ऊंका घर- बार लूठया जा सकॅॅ छ। 28 म्हूँ थां सुं साँची खुँ छूँ,क मनख्यां का सारा पाप अर अगर ज्ये कोई अपमानी बातां परमेस्वर क बारां मं ख'व तो,व्हांन बी परमेस्वर धो सकॅॅ छ। 29 पण जद कोई मनख पबित्र आतमा क बरोध मं बदनामी करॅ तो व्ह पाप ऊंका कदी बी धोया न्ह जा सकॅॅ छ।अर ज्ये कोई अस्यां को पाप करॅ तो ऊ जुगान्तर को पापी होज्याऊगो । 30 ईसु या बात ईंक लेख बोल्या क यहुदीयां का निम सखाबाळा ख'रिया छा, क “ईसु मं गंदी सकॅ्ति लागरी छ।
ईसु की साँची माँई अर भाई
(मत्ती 12.46–50; लूका 8.19–21)
31 फेर ईसु की माँई अर ऊँका भाई ऊंठी आया,अर व घर क बाहर ऊबा हो'र उनॅ बलाबा काण कोई मनख खन्नायो। 32 अर भीड़ ईसु क गोड़यां च्यारूमेर बठी छी,तो ऊ भीड़ मं सुं कोई मनख न ईसु सुं खी,झांको,थारी माँई अर थारा भाई बाहरॅ उबा छ,व थांनॅ हेरिया छ। 33 पण ईसु न ऊ सुं खी,म्हारी माँई अर म्हारा भाई कुण छ? 34 ईसू अपणा च्यारुमेर बठया मनख्यां न देख'र खी ,”झाँको,म्हारी माँई अर म्हारा भाई ये छ। 35 क कस्यां ज्ये कोई परमेस्वर की बात मान'र ऊं बात क अनुसार रह'वॅ छ,व्ह तो म्हारा भाई, बहण अर माँई छ”।

*3:3 dhujyiuu